STORYMIRROR

Punam Jha

Romance

3  

Punam Jha

Romance

हमदर्द

हमदर्द

1 min
331

हमदर्द मेरे हमसफ़र भी तू,

जान जरूरी है तुझसे, सिर्फ दिल ही क्यूँ,

हमसफ़र है हमराही भी तू,

जब दिल दे ही दिया है तो गम हो क्यूँ,

अज़ीब है ये रिश्ते हमारे ,

जो ना है बहुत पुरानी,

खफ़ा हो कर भी खफ़ा नहीं,

दिल बात करना चाहे पर ज़ुबान नहीं,

अधूरी कहानी पूरी हो यही दुआ है,

नज़र सिर्फ तुझे ही ढूंढे मुक़द्दर तुझसे जुड़ा है

बात सिर्फ इतना कहना चाहूँ तुझे,

मेरी साँस में भी तेरा ही नाम,

मर जाऊ तो भी शिख्वा नहीं,

जितनी शिख्वा तेरे रूठ जाने से होती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance