मन का शुद्धिकरण
मन का शुद्धिकरण
मनुष्य का मन बहुत चंचल होता हैं।
मन के मते कभी मत चलिएगा।
मन पलक पलक में और
मन मुखी कभी मत बनिएगा।
जीवन में गुरू धारणअवश्य किजिएगा।
तन का शुद्धिकरण स्नान से होता हैं।
मन का शुद्धिकरण ईश्वर भक्ति से होता हैं।
इसलिए तन और मन दोनों का शुद्धिकरण जरूरी हैं।
तन कि सफाई से स्वस्थ रहते हैं।
मन कि सफाई से धार्मिक रहते हैं।
तब सांसारिक सुखों में सफलता हासिल होती हैं।