मन का मयूर
मन का मयूर
तुम्हें देखकर दिल मचलने लगा है,
मन का मयूर हिचकोले लेने लगा है।
अंतर्मन की खिड़की से तुम्हारे
नैनों में झांकने लगा है।
रुत आयी बरसात की तो
ये इंद्रधनुष बनाने लगा है।
तुम्हें देखकर दिल मचलने लगा है,
मन का मयूर हिचकोले लेने लगा है।
रुनझुन बजती पायल की
आहट को जानने लगा है
दिल अपनी रफ्तार को
न जाने क्यों बढ़ाने लगा है।
तुम्हें देखकर दिल मचलने लगा है,
मन का मयूर हिचकोले लेने लगा है।
