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VIVEK ROUSHAN

Abstract

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VIVEK ROUSHAN

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मलाल रहता है

मलाल रहता है

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बस इक बात का मलाल रहता है

इश्क़ में दिल का बुरा हाल रहता है


सब भूल कर आदमी आगे बढ़ता तो है 

पर सच कहूँ तो मन बहुत निढाल रहता है


मैं हीं खामखा उसके लिए परेशान रहता हुँ

वो तो जहाँ भी रहता है बे-मिशाल रहता है


यूँ तो हिज़्र में लोग मर नहीं जाते 

पर हिज़्र का दुख माह-ओ-साल रहता है।


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