मकर-सक्रांति में बड़ा दम
मकर-सक्रांति में बड़ा दम
आज सर्दी भी होती कम है
मकर सक्रांति में बड़ा दम है!
बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते,
मकर सक्रांति पर्व को हम हैं
पतंगों के कहीं पेंच लड़ाते हैं,
कहीं खाते तिल की कसम है
मकर सक्रांति में बड़ा दम है!
आज भांति-भांति के खेलों की
बजती रहती पूरे दिन छमछम है
लाहिड़ी भी कहते इसे हम हैं
आज सूर्य की राशि बदलती है
आज मल मास होता खत्म है
खिंचड़े का लगाते भोग हम हैं!
मकर सक्रांति में बड़ा दम है!
आज आग जला मिटाते तम हैं
नवऊर्जा,नवउल्लास का पर्व है,
करते बड़ा दान-पुण्य हम है
हम बड़ो का आशीष लेते है,
इसदिन को मानते बड़ा शुभ है
प्रकृति का नज़ारा बदलता है
इसकी श्वेत चादर होती कम है
मकर-सक्रांति में बड़ा दम है!
ऋतु का बदल जाता क्रम है
ये पर्व परिवार संग मनाओ,
मिटेंगे आपके सारे गम हैं
पूरी दुनिया बनेगी साखी स्वर्ग,
हमारा भी होगा नूतन जन्म है
मकर-सक्रांति में बड़ा दम है!