STORYMIRROR

Kumar Vikash

Abstract

2  

Kumar Vikash

Abstract

मियाँ मिट्ठू

मियाँ मिट्ठू

1 min
137

हर तरफ अन्धेरा है , कोई प्रकाश की

क्या बात करे ।

बधिरों की महफ़िल है , कोई काव्य का

क्या पाठ करे ।

मियाँ मिट्ठू सभी हैं , कोई तारीफों में

क्या समय बर्बाद करे ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract