STORYMIRROR

Ekta Sharma

Abstract

2  

Ekta Sharma

Abstract

मिट्टी मेरे देश की

मिट्टी मेरे देश की

1 min
598

सौंधी सौंधी खुशबू आती देश की मिट्टी की,

क्या बात बताऊं मैं अपने देश की मिट्टी की !


इसमें उपजे फल फूल बहुत सारे,

इस मिट्टी के आगे बहुमूल्य रत्न भी हारे !


इस मिट्टी में छुपे हैं सोना हीरे मोती,

इसमें उपजे अन्न को खाकर जले ज्ञान ज्योति !


इस मिट्टी में हरे भरे खेत लहराते हैं,

खुली हवा में पक्षी विचरण करते चहचहाते हैं !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract