STORYMIRROR

Krishna Bansal

Inspirational

4  

Krishna Bansal

Inspirational

महिला दिवस

महिला दिवस

1 min
297


महिला दिवस 

यानी महिलाओं के 

सम्मान का दिवस 

महिलाओं का 

पुरूषों के बराबर 

अधिकारों का दिवस

उसके प्यार, त्याग और 

बलिदान का दिवस।


पूरा दिन

व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर बधाइयों का तांता 

नारी की प्रशंसा में 

गीत, कविता, वीडियोज़ और 

न जाने क्या-क्या।

 

यह सब पढ़, सुन कर 

मन में सोच उठी 

सच में ऐसा है क्या?

उत्तर मिला

शायद नहीं

कुछ पर्संटेज को छोड़

अभी हालात हैं 

वहीं के वहीं।


मैं आपसे पूछना चाहती हूं

नारी के बिना संसार 

संभव क्या?

आप यकीनन कहेंगे

नहीं, कदापि नहीं 

जीवन रूपी वाहन के दो पहिए 

एक पंचर तो वाहन का चलना 

संभव क्या?

आप यकीनन कहेंगे 

नहीं, कदापि नहीं 

जिसके बिना संसार का 

अस्तित्व ही नहीं 

उस पचास प्रतिशत को 

नकार कर रहना 

संभव क्या?

नहीं, नहीं,  नहीं।


नारी जग जननी 

नारी घर की धूरी 

नारी जीवन का आधार 

नारी करती सभी ज़रुरतें पूरी।


स्नेह, ममता, सहनशीलता 

प्रेम की साक्षात मूर्ति 

आगोश में ले सारी मानवता  

केंद्र में रहती नारी।

 

बताइए कहां नहीं है नारी 

घर परिवार संभालती नारी

ऑफिस में सब से आगे नारी

हिमालय पर चढ़ती नारी

समुद्र में गहरे उतरती नारी

शिक्षा, खेल, डिफेंस, 

पोलिटिक्स और 

एडमिनिस्ट्रेशन में छाई नारी।


ए मानव, 

एक दिन महिला दिवस 

मनाने से तू नहीं होगा 

शुक्रगुज़ार 

मज़ा तो तब है 

जब हर दिन हो 

महिला का सम्मान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational