महामंत्र सफलता का
महामंत्र सफलता का
जीवन में सफलता के लिए
आपको देता है महा मंत्र
खुद भगवान कृष्ण की वाणी
श्रीमदभगवदगीता है वो ग्रंथ
निष्काम कर्म है ये ज्ञान गूढ़
बिना फल की इच्छा का काम
अपने नियत कर्म को करिए
निश्चिन्त रहिये ले हरि का नाम
जीवन है एक धर्म युद्ध समान
ये हर किसी को लड़ना ही होगा
आलस के कौरव होंगे हर ओर
हे पार्थ तुम्हें उबरना ही होगा
है ज्ञान वही जो बतलाता है
सही कर्म की दिशा है क्या
विद्या का साथ जरूरी है पर
समझिये अच्छा क्या बुरा क्या
आमोद, प्रमोद छोड़कर जब
तुम तम से रज गुण को बढ़ते
तभी होते हो क्रियाशील तुम
पर ढेर अहँकार मन में भरते
कर्म करो पर घमंड करो न
है अहँकार का त्याग बड़ा
ऐसे फिर सद्गुण आएगा
मन निर्मल, ज्यों माटी घड़ा
इससे आगे गुणातीत है
अंतिम सोपान परम सत का
सारे राज़ सफलता के खोले
क्या और है मन मेरे भक्त का।