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Kaushik Dave

Abstract

3  

Kaushik Dave

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मेरी सहेली

मेरी सहेली

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जब मेरी सहेली ने पुछा मुझसे,

इतनी खूबसूरत क्यूँ दिखती हो?,


हंस कर मैं बोली,

तेरी जैसी सहेली हो,

हंसकर और स्नेह से मिलती हो,

चहेरे पर रौनक छा जाती है,

ऐसी प्यारी सहेली मेरी,

इस जनम में मिली हो,


मेरे चेहरे की रौनक से,

तुम भी खिल जाती हो,

मेरे से भी ज्यादा, 

तुम सुंदर दिखती हो!


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