मेरी राहें मेरी कोशिशें
मेरी राहें मेरी कोशिशें
आज मैं जो कुछ भी हूँ ये मेरी कोशिशें ही है
वरना जल चुके थे हम अपनी बदनसीबी में
रास्तों में छोड़ कर रख गये पत्थर समझ
मेरी कोशिशें ही है आज मैं जो कुछ भी हूँ
खुद को खुद से ही जगाया
जब भी हारी राह में इक विजय का प्रण लिए
मेरी कोशिशें ही हैं आज मैं जो कुछ भी हूँ
शुक्रिया खुद का करूँ या शुक्रिया रब का करूँ
जो विजय के रथ लिए आज मेरे साथ है
मेरी कोशिशें ही है आज मैं जो कुछ भी हूँ।।
