मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
पापा की प्रेरणा मुझको,
सही दिशा दिखलाती है
कैसी भी मुश्किल हो उसे,
आसान बनाती जाती है
माँगा मैंने जो मुझे दिया,
जो भी उनके बस में था
अच्छी शिक्षा मिले मुझे,
ये उनके अंतर में था
शिक्षा की पूँजी जिसपे है,
वो होता कभी गरीब नहीं
मेहनत करो तो मिलेगा फल,
हर चीज़ को कहते नसीब नहीं।
पढ़ाई में तुलना करो उनसे,
जो भी तुमसे आगे है
रहन सहन में देखो उन्हें,
जो पीड़ित और अभागे है
सूखी रोटी खा लेना पर,
कभी हाथ नहीं फैलाना तुम
स्वाभिमान से ही जीना,
हर रिश्ता दिल से निभाना तुम।
ऐसे संस्कारों के मोती से,
जीवन मेरा पिरोया है
उनके सिखाये मूल्यों को,
मैंने प्यार से बड़े संजोया है
असफल गर हो जाऊं तो,
मनोबल मेरा बढ़ाते हैं,
कोई भी उपलब्धि हो तो,
पीठ मेरी थपथपाते है,
हूँ दूर मै, पर वो साथ मेरे,
ऐसा है विश्वास मुझे
अपने सर पे उनके हाथों का,
होता है एहसास मुझे
भूल-चूक कुछ हो जाए तो,
माफ़ मुझे करना पापा
काश कुछ ऐसा कर पाऊं,
कि गर्व करें मुझपे पापा।