"मेरी पहचान"
"मेरी पहचान"
मुझ पर तू ना शक कर,
न इरादों को मेरे गलत ठहरा,
मेरा हौसला अडिग है,
अंतरंग में छिपा है राज गहरा,
मेरी कहानी के तो कई बेमिसाल नूर है।
गर देख तू रुक कर कुछ कदम अपने भी,
देख मुझमे भी बहुत शूर है।
ख्वाहिशें भी मेरी अविष्कार करेगी,
हसरत ही मेरी अब चमत्कार करेगी।
तू न कमजोर कर मनोबल को मेरे,
है मुझे भरोसा अपने कंधे पर यकीनन,
बुड्ढे की सनक को जानते ही कितना हो,
थाम लिया कोई काम तो बीड़ा उठाना ही है।
मरते दम तक कर लेंगे हासिल आखिर,
लक्ष्य को अपने,
अर्पण कर जब तक है जान।
