मेरी मोहब्बत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम
मेरा ख्याल नहीं मेरी हकीक़त हो तुम
मेरे सर पर रखी हुई अकीदत हो तुम,
लोग आँके तुम्हें तो आंकने दो उनको
मेरे लिए ला-महदूद-ए-कीमत हो तुम,
खफा ना होना ये पाबन्दी से याद रखना
बीमार हो जाता हूं मेरी तबीयत हो तुम,
दुनिया है मेरे लिए महज़ दौर -ए-बातिल
मगर मेरे लिए दोर-ए-सदाकत हो तुम,
सजना संवरना छोड़ो ओर पर्दा कर लो
मेरे लिए तो वैसे ही खूबसूरत हो तुम,
तुमसे जो है मेरा एक सीधा सा रिश्ता है
इश्क़ है तुमसे और मेरी मोहब्बत हो तुम,