मेरी जान हो तुम
मेरी जान हो तुम
मैं अगर शरीर हूं, तो इस शरीर का प्राण हो तुम,
मेरी आन मेरी शान मेरा अभिमान हो तुम,
मैं अगर हूं राही तो मेरी मंजिल मेरा मुकाम हो तुम,
सरल शब्दों में कहूं अगर तो मेरी जान हो तुम।।
के तुम कभी कह दो अगर,
संग चलो तुम उस डगर,
मैं चल भी दूंगा संग मगर,
मेरे इस प्यार से अभी अनजान हो तुम,
पर कुछ भी कहो मेरी जान हो तुम।।
हर बात पे मुझसे गुस्सा हो जाती हो,
कभी डांटती हो तो कभी नखरे दिखाती हो,
मेरे लिए थोड़ी नादान थोड़ी शैतान हो तुम,
पर कुछ भी कहो मेरी जान हो तुम।।
मैं साथ हूं तेरे मेरे जीवित रहने तक,
नाम से लेके एजी सुनती हो ये कहने तक,
कभी मुझे बेचैनी खाए, तो इस दिल का आराम हो तुम,
पर कुछ भी कहो मेरी जान हो तुम।।