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Nikhil Sharma

Romance

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Nikhil Sharma

Romance

मेरी जान हो तुम

मेरी जान हो तुम

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मैं अगर शरीर हूं, तो इस शरीर का प्राण हो तुम,

मेरी आन मेरी शान मेरा अभिमान हो तुम,

मैं अगर हूं राही तो मेरी मंजिल मेरा मुकाम हो तुम,

सरल शब्दों में कहूं अगर तो पारुल मेरी जान हो तुम।।


के तुम कभी कह दो अगर,

संग चलो तुम उस डगर,

मैं चल भी दूंगा संग मगर,

मेरे इस प्यार से अभी अनजान हो तुम,

पर कुछ भी कहो पारुल मेरी जान हो तुम।।


हर बात पे मुझसे गुस्सा हो जाती हो,

कभी डांटती हो तो कभी नखरे दिखाती हो,

मेरे लिए थोड़ी नादान थोड़ी शैतान हो तुम,

पर कुछ भी कहो पारुल मेरी जान हो तुम।।


मैं साथ हूं तेरे मेरे जीवित रहने तक,

पारुल से लेके एजी सुनती हो ये कहने तक,

कभी मुझे बेचैनी खाए, तो इस दिल का आराम हो तुम,

पर कुछ भी कहो पारुल मेरी जान हो तुम।।


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