मेरी हमनवा
मेरी हमनवा
तुम बैठो मेरे सामने, मै बस देखता रहूँ
मेरे दिल की दासता, तुमसे कहता रहूँ ।।
मुस्कुरा कर तुम प्यार से, मेरी तरफ देखना
इस मुस्कुराहट को देख, मै बस जीता रहूँ ।।
तुम आओ मेरे इतना करीब, मेरी हमनवा
कि तुम्हारी साँसो से, जिंदगी लेता रहूँ ।।
दूरिया हो जाए इतनी कम, हमारे दर्मिया
तुम्हारे बदन की खुशबू से, मै भी महकता रहूँ ।।
तुम बस बोलो तो, दो मीठे शब्द प्यार के
आरती समझ के मै, तुमको सुनता रहूँ ।।
प्यार से चाहे रख दो अपना, पैर इस माथे पे
ईश्वर का आशीर्वाद समझ, अभिभूत होता रहूँ ।।

