मेरी एक पहचान
मेरी एक पहचान
शायरों के अल्फाजों की शान हो तुम
मोहब्बत का शायराना जहां पर गड़ता हो
ऐसे मंजिल और मकान की राह हो तुम
चाह कर भी जिसे मिटाया न जा सके
ऐसी हस्ती और ऐसी पहचान हो तुम
महफ़िल जहां सजेगी शायरों से
वहां की महफ़िल में अल्फाज तुम्हारे होंगे
दुनिया से ही तो तुम गए हो
पर शायरों के होठों पर हमेशा आप होंगे!