मेरी बिटिया ऊंची सिपाही बनेगी
मेरी बिटिया ऊंची सिपाही बनेगी
अब बिटिया मेरी स्कूल जाने लगी
है।
अब हंसी दबे पांव मेरे घर आने
लगी है।
कल जो तू शहर में ऊंची सिपाही
बनेगी।
तब कल ही मेरे घर दिवाली बनेगी
भले हम गरीब लेकिन हैं मन के
सच्चे।
मगर मेरी बेटी के सपने है बड़े
सच्चे।
बापू की सिपाही वाली टोपी जरा
लगा के दिखाना
वाह मेरी मुन्नी एक बार जरा हस
के दिखाना।
सिपाही वाली टोपी कितनी न्यारी
लगी है।
मेरी बिटिया रानी तेरी मुस्कुराहट
बड़ी प्यारी लगी है।
भले हम झोपड़ पट्टी में है रहते
मगर हमारे हौसले हमेशा किसी
से कम भी नहीं रहते।
भले मेरी बिटिया मैं पढ़ नही पाई
मैं अपनी हसीं सपने में सिपाही
कभी बन नही पाई।
अब बिटिया अब कल गम के
बादल हटेंगे।
देख लेना बिटिया कल हम सुकून
चैन से होंगे,
तेरे बापू को जिन गुंडों ने गोली है
मारी।
मैं गरीब लाचारी तब कुछ कर
नही पाई।
तुम सिपाही बन धर उनको
पकड़ना।
सिपाही बन एक बेटी का फ़र्ज़
पूरा करना।
मेरी बिटिया रानी तू स्कूल जाने
लगी है।
इस गरीब मांँ भी देख मुस्कुराने
लगी है
मेरी बिटिया रानी एक दिन
सिपाही बनेगी।
इस गरीबखाने की एक नई
जिंदगानी बनेगी।
मेरी बिटिया तू लडको से भी
जादा अव्वल अंक लाने लगी है
जो लोग लड़की को कम हैं
समझते
तू उनके मुंह पे तमाचे भी मारने
लगी है।
मेरी बिटिया तू जो सिपाही बनेगी
मेरे घर के सपनो की रानी बनेगी।