मेरे पापा
मेरे पापा
रख देते हैं हाथ जिस पर
उसकी जिंदगी बन जाती हैं
वो पापा हैं
खुद के ख्वाहिश को दबाकर
हमारी हर एक ख्वाहिश को पूरा कर देते हैं
वो पापा हैं
चाहे कंपकंपाती ठंड हो या फिर हो तेज धूप,
चाहे बारिश की सैलाब हो या हो तूफान
हमारे लिये फिर भी घर से निकल जाता हैं वह इंसान
वो पापा हैं
खुद के सपनों को मार कर
जो हमारे सपनों को पूरा करते हैं
वो पापा हैं
