मेरे पापा
मेरे पापा


पापा कोई शब्द नहीं,
पापा तो मेरी दुनिया हैं।
पापा की गुरुर होती है बेटियाँ
और मेरा गुरूर मेरे पापा हैं।
मैं पापा की मन्नत हूँ
पापा मेरे जन्नत हैं।
मैं पापा की ख़्वाहिश हूँ
और पापा मेरे अरमान हैं,
न जाने, पापा के मुझपे
कितने एहसान हैं।
मैं पापा की मान हूँ,
पापा मेरे अभिमान हैं.......
चंद पंक्तियाँ मेरे पापा के लिए
कुछ अलग अंदाज में....
देखा है पापा क
ो संघर्षों से लड़ते हुए
देखा है हमारी ख्वाहिशों को पूरा करते हुए,
देखा है उन्हें खुद की दुनिया समेटते हुए
और हमें नये सांचे में ढालते हुए,
देखा है खुद के दिन गरीबी में काटते हुए
और देखा है हमें अमीरों की तरह पालते हुए,
देखा है उनकी कदमों को लरखराते हुए
और हमें हर मोड़ पर चलना सिखाते हुए,
देखा है उनको खुद की आँसूओं को छिपाते हुए
और देखा है, हम भाई-बहनों के चेहरे पर
भर-भर के मुस्कान लाते हुए।