STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

मेरे मौन मन से पूछो

मेरे मौन मन से पूछो

1 min
329

मेरे मौन मन से पूछो, पिता जी मेरे ईश्वर भी, 

माँ मेरी देवी तुल्य ही, मेरा भाई लक्ष्मण भी। 


मेरी हमसफ़र पार्वती, मेरी बिटिया शेरनी है, 

मेरा परिवार मंदिर तो, परिजन सदैव इष्ट मेरे। 


मेरे नाना जी प्रिय ही, नानी जी पूजनीय थी, 

मेरे मझले मामा सदा, मेरे सबकुछ जो सदा। 


मेरे दादा जी हीरो मेरे, दादी मार्गदर्शक सदा, 

ताया जी शांत इंसान, ताई जी हसमुख बड़ी। 


मेरे बड़े भाई पंकज थे, अल्पायु में छोड़के गए, 

मेरी भाभी सोलानी जी, लॉकडाउन में चले गए। 


मेरी छोटी चाची जी भी, मेरे फूफर जी छोड़ गए, 

एक दिन हम सभी सच, ये जहाँ छोड़ जाना सच। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract