मेरे धरती के भगवान
मेरे धरती के भगवान
धरती पे भगवान का रूप
बिन उनके संसार है कूप
रौशन जहाँ उन्ही से होता है
किस्मत वाले है वो जिनके
माता-पिता होते है।
तराशते है जीवन पग- पग में
निश्छल प्रेम उन्ही का होता है
सख़्त दिखाते बाहर से
अंदर से वत्सल होता है
त्याग सुखों का अपना करते
तपाकर कुंदन हमें बनाते है
छोटी छोटी ख्वाहिशों के लिए हमारे
दिन रात वो मेहनत करते है
नैतिकता का पाठ पढ़ाते
सही गलत की पहचान कराते
ज़रा सी हरारत बदन को हुए जो
वो पूरी रात जागते है
एक सुरक्षा कवच से
माता-पिता हर बलाओं से बचाते है।
