मेरा प्यारा पेड़
मेरा प्यारा पेड़
बचपन में था मैंने बीज लगाया,
आज भी मिल रही मुझको उसकी छाया
जिस पौधे को पिलाया पानी,
उसके डाली पर बीती जवानी
जब जब भूख से पेट था तड़पा,
उसके फलों को पत्थरों से मारा
कभी घर में लकड़ी की जरूरत पड़ती,
इसकी डाली हमेशा गिरती
संगिनी जब साथ मेरे आयी,
उसी पेड़ पे मैंने झूले सजायी
बच्चों ने खेलने जब भी बुलाया,
हमने पेड़ के इर्द गिर्द दौड़ लगाया
आज मैं बूढ़ा थका और सारा,
आज भी देता मुझे यही सहारा
जिंदगी में आया मोड़ कितना सारा,
पर हमेशा साथ रहा मेरा पेड़ प्यारा!