Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sudhir Srivastava

Inspirational

4  

Sudhir Srivastava

Inspirational

मेरा जन्मदिन

मेरा जन्मदिन

2 mins
351


बगिया वाले प्राइमरी पाठशाला के

मुंशी जी ने तो कमाल कर दिया,

अठारह मार्च था जन्मदिन मेरा

उसे हलाल कर एक जुलाई कर दिया।


पहले का जमाना कुछ ऐसा ही था

बाबा का संदेश क्या मिला

मेरा नाम जन्मदिन रजिस्टर में पहले दर्ज कर 

फिर मुंशी जी घर आ गए

कल से स्कूल आना है, हमें डराकर चले गये,

हम भी कुछ कम थोड़े ही थे


उछलते कूदते दिद्दा दद्दा संग रोज स्कूल जाने लगे

बगिया वाले स्कूल में पेड़ तले शिक्षा पाने लगे

फिर तो स्कूल आना जाना नियति बन गई।

मगर हमें तब क्या पता था

स्कूल जाने के तोहफे स्वरूप

मेरी जन्मतिथि ही बदल गई।


अब तो अपना असली जन्मदिन भी

बड़ी मुश्किल से याद रखता हूं,

इसीलिए जन्मदिन नहीं मनाता हूँ।


मगर ये सोशल मीडिया मुआ भला

कहाँ चुपचाप रहने वाला

मेरे जन्मदिन का प्रचार करने लगता है,

उसे क्या पता वह भी खाता गच्चा है

हमारे मुंशी जी की कलम का कमाल है

हर कोई लगता बच्चा है।


अब मुंशी जी ने लिख दिया तो

वही सौ प्रतिशत सत्य है

उसे झुठलाने की किस्में कूबत है।


एक जुलाई तो मुंशी जी ने लिखमारा था

तब से वही जन्मदिन सच्चा हो गया

अभिलेखों में यही दिन पक्का हो गया।


अब मैं हंसूँ या रोऊँ आप बताइए

जन्मदिन पर तो आप बधाइयां देते नहीं हो

लगता है स्वर्गवासी हो चुके उन मुंशी जी से

आप सब भी अभी तक डरते हो,

तभी तो एक जुलाई को ही मुझे

बधाइयां, शुभकामनाएं, आशीष देते हो।


सच कहूँ तो डरता तो मैं भी हूँ

तभी तो उनके लिखे जन्मदिन को

आज तक मानता आ रहा हूँ।


एक जुलाई को जन्मदिन की

औपचारिकता मुंशी जी के नाम पर निभा रहा हूँ,

इसी बहाने कम से कम आप सबका 

स्नेह दुलार आशीर्वाद तो पा रहा हूँ।


जन्मदिन तो साल में एक बार ही आता है

इसीलिए आज ही सही जन्मदिन मानकर

आप सबके साथ मैं भी खुश हो रहा हूँ,

औपचारिकतावशजन्मदिन मना रहा हूँ


मुंशी जी को शीष झुकाकर 

उनसे फरियाद कर रहा हूँ,

जन्मदिन तय किया था उस दिन

आज आशीर्वाद माँग रहा हूँ।


जन्मदिन पर आप सभी को नमन कर रहा हूँ

क्योंकि अब मजबूरी में सही

एक जुलाई को ही अपना जन्मदिन मान रहा हूँ। 

(मुंशी जी - हेडमास्टर) 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational