मेरा इंतज़ार करना!!
मेरा इंतज़ार करना!!
अच्छाई और सच्चाई की मिसाल,
अपनो की ढाल।
तुम करोड़ों में एक
आज इन करोड़ों में !
क्यों गुम हो गए ?
छोड़कर हमारा साथ
कहाँ तुम चले गए ?
ऐसे रूठकर
क्यों तुम चले गए?
हमारी आँखों से
कहाँ ओझल हो गए?
हमें सहारा दे कर
बेसहारा कर के कैसे चले गए?
क्यों कोई भूल हो गई
जो आजीवन सजा दे गए?
आज कोसता है मन मुझे
क्यों तुम्हारी आह को सुना नहीं?
मेरे अंतरमन ने पुकारा था
क्यों उसको पहचाना नहीं?
कितने सवाल पुछता रहा
बेचैन दिल से
क्यों उनका जवाब ढूँढा नहीं?
काश इशारों को समझ लिया होता ,
तुमसे बात कर ली होती ,
तुम्हारी एक झलक मिल गई होती ,
प्यार से गले लगाकर,
तुम्हारे दर्द को महसूस किया होता !
काश ऐसा कुछ किया होता।
दर्द है सीने में
मुश्किल हो गई है जीने में।
काश तुम्हारा जाना
एक सपना होता ।
काश तुम हमारे बीच होते ।
सच्चाई का आईना
मुझे नहीं देखना है ।
लौट कर तुम आ जाओ
यही ईश्वर से हठ करना है ।
असंभव को संभव करने का
पागलपन सवार है।
रोता बिलखता परिवार को छोड़ गए
क्यों तुम गहरी नींद में सो गए ?
हे ईश्वर क्या यही जरूरी था ?
काश चित्रगुप्त की लेखनी होती
तुम्हारी और मेरी जिंदगी मैंने
उलट- पलट कर दी होती ।
काश तुम इस संसार में
और मैं उस दुनिया में होता ।
काश मुझे मौत
और तुम्हें जीवन मिलता ।
काश ऐसा होता ।
तुम सदा रहोगे
मेरे दिल में
तुम मर कर भी
जीओगे मेरे हर साँस में ।
बस यही आरज़ू है मेरी
जब तक जीऊँ
तुम्हारी परछाई बनूँ ।
कर सकूँ तुम्हें अमर
हे प्रभु
ऐसा आशीर्वाद दीजिए।
एक आखिरी फ़रियाद करते हैं
मेरे दोस्त के पास
थोड़ी जगह रखना ।
यहाँ से रुख़सत हो कर
वहीं हो ठिकाना मेरा।
ऐ दोस्त
हमारी दोस्ती की कसम
बस कुछ समय और
मेरा इंतज़ार करना ।।