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Rekha Maity

Inspirational

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Rekha Maity

Inspirational

मेरे प्रथम गुरू आपको धन्यवाद

मेरे प्रथम गुरू आपको धन्यवाद

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आपके उंगलियों को पकड़कर

चलना सीखा ।

मम्मा से लेकर न जाने

कितने शब्दों को बोलना सीखा ।

अ, आ, ए, बी, सी, १.२.३

सीखा असंख्य भिन्न भिन्न ।

कभी कविता कभी कहानी

कभी चित्र कभी जुबानी

आप से ही पढ़ना-लिखना सीखा।

बड़ो का सम्मान,छोटो का आदर

सबसे शिष्टाचार सारे संस्कार ,

आप से ही सीखा।

मेरे प्रथम गुरू . मेरे माता-पिता

आपकी शिक्षा है अमूल्य

आप से मिलता ज्ञान है अतुलनीय।


हमें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया।

हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, भुगोल

आदि विषयों की महत्ता सिखाई।

पढाई और खेल दोनों कैसे जरूरी हैं

ऐसे सिखाया -

पढ़ोगे-लिखोगे और खेलोगे-कूदोगे तो

बनोगे शक्तिशाली- बुद्धिमान नवाब ।

जीवन के हर परीक्षा में

सूझ -बूझ और साहस से जूझना बताया।

असफल होने पर जब भी रोया

हरिवंशराय बच्चन जी की पंक्तियां दोहराईं

“ कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती”

हार कर जीतने की उम्मीद जगाई ।

जब पहली बार

दिल टूटा

तब आप ही ने दोस्त बनकर

प्यार पर फिर से विश्वास करना सिखाया

और सच्ची दोस्ती का मतलब समझाया।


दादा-दादी, चाचा-चाची, नाना-नानी के लिए

आप दोनों का प्यार और सम्मान

सदा कराता है मुझे

रिश्तो की अहमियत का ज्ञान।

सबकी खुशी में खुशी ढूंढना

दूसरों के दुख में दुखी होना

आप से ही सीखा

किसी का दिल न तोड़ो

मुसीबत में अपनो का साथ न छोड़ो।


पर न जाने कितने बार

मेरी हरकतो ने आपको आघात पहुँचाया।

बड़प्पन दिखाकर हमेशा क्षमा किया

गले लगाकर हर बार अपनाया।


आप दोनों ही हैं मेरे वास्तविक शिक्षक

हर मोड़ पर आप ने ही दिया

जीवन का मूल ज्ञान ।

आपकी शिक्षा है मेरे जीवन का आधार

कोशिश है कर सकें आपके सपने साकार ।

गुरू दक्षिणा में मेरी

हर साँस आपको अपर्ण

आपकी सेवा में कर दूँ सबका तर्पण।

शत – शत अभिनंदन और धन्यवाद है

आपको माँ – बाबा

मिले ऐसे गुरु स्वरूप माता-पिता सबको।



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