मेहनत।
मेहनत।
खोल दिए जाने चाहिए सारे बंद कमरे,
तोड़ दिए जाने चाहिए ताले, दरवाजे,
उखाड़ फेकनी चाहिए खिड़कियां,
उतार देने चाहिए बदन से सारे लिबास,
सोच पर लगी सभ्यता की परतों को
निस्त–ओ–नाबुद कर दिया जाना चाहिए,
आंखो से, रंगो को, जाती को,
आकारों को, दूर कर देना चाहिए,
मिटा देना चाहिए हर एक मकान धरती से,
लगा देने चाहिए लाखों, करोड़ों पौधे सांसो में,
हाथो में, दिमाग की परतों में, मंदिर के गर्भगृह में,
मस्जिद की चद्दरों पर,
कूद जाना चाहिए पर्वतों की चोटी से सीधा जंगलों में,
पेड़ों की शाखाओं पे झुल जाना चाहिए,
जोड़ देना चाहिए खुद के रोम-रोम को उसकी जड़ों से,
खुद को बचाने के लिए बस इतनी सी मेहनत लगेगी।