मदर्स डे
मदर्स डे
क्या कलम कुसाई करे हम मां के बारे में
अज़ीम हस्ती है मां कुदरत के कारखाने में
बेपनाह मुहब्बत रखती है अपने दिल में
अपने बच्चों के लिए जान लिए रहती है हाथ में
हर दुख दर्द मिलती है मां की झोली में
फिर भी उफ्फ तक ना होती है मां ज़बान में
फिर क्या रखा है खास बात इस एक दिन में
मां का दिन तो होता है हर ख़ास ओ आम दिन में।