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गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Abstract Inspirational

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गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Abstract Inspirational

मधुमालती छंद...

मधुमालती छंद...

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है मात की,यह आरती।

तुम पूज्य हो, सम भारती।।

दुख दूर हों, है प्रार्थना।

नित-नित करूॅं, अभ्यर्थना।।

 सब दर्द निज, ही धारती।

 है मात की,.........


 तुम पूज्य हो,....

माता सरल, तुम सा नहीं।

मॉं याद में, नित हो यहीं।।

सम्मान थी, सोई वहीं।

सब कुछ सहे, मॉं ने कहीं।। 

 तुम पय नयन, नित ढारती।

 है मात की,.......


तुम पूज्य हो,....

सौजन्य से, हो साधना।

हो क्षीण जो, मम कामना।

जब टूटते, हों भावना।

मॉं प्रेम से, ही थामना।।

सौ बार सुत, को लाड़ती...

 है मात की,.....

 तुम पूज्य हो,....


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