मदहोश
मदहोश
इन हवाओं में भी तेरा ज़िक्र रहता है,
मदहोश करने वाली ज़ुल्फें यूँ लहराया न करो....
नज़र,नज़र से मिले तो हो मोहब्बत,
यौवन दिखा के इन्हें भरमाया मत करो.....
चरम सीमा पर है ये जो झलक रहा है,
इस तरह से इन्हें उकसाया न करो....
अब जो आ गए हो मेरे पास इतनी दूर चल कर,
ख़ुदा क़सम नज़रें झुका यर यूँ शर्माया न करो...
