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Hari Ram Yadav

Abstract

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Hari Ram Yadav

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मौसम बिज्ञानी का बेटा

मौसम बिज्ञानी का बेटा

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चाचा चम्पत हो गये,

    लेकर चिराग का तेल।

बिना तेल के हो कैसे,

   दिया बाती का मेल।

दिया बाती का मेल,

   क्या गजब खेल है खेला।

भतीजों का इतिहास रहा छिनौती,

   पर अब तो चाचा ने परे धकेला।

लूट लिया पारस चाचा ने,

    राम विलास का सारा मेला ।

मौसम बिज्ञानी का बेटा,

    वर्षा में लड़ रहा अकेला।।


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