मौन अनुभूति
मौन अनुभूति
मौन में पाषाण सी शक्ति है
अद्धभुत सी अनुभूति की शक्ति है
मन के भाव शांत चित्त होते है किसी कोने में
शब्द रूप में हिलौरे मारते हैं भाव बह जाने को
शब्द रूप न ले तो मौन रह रह लहर देता है
मौन शांत होते हुए भी शब्दोद्गार को देखता हैं
मौन में पाषाण सी शक्ति है
अद्धभुत सी अनुभूति शक्ति है
मन के प्रश्न समंदर की लहरों से उठते हैं
औऱ पुरानी यादों को साथ ले गहरे घाव देते हैं
टीसती हैं यादे तभी वो शब्द रूप लेती हैं
मन का अंतर्द्वद्व को शांत कर शब्द उठते हैं
मौन में पाषाण सी शक्ति है
अद्धभुत सी अनुभूति शक्ति है
मौन कभी कभी शांत चित्त तो कभी उतावला
अपनी शक्ति प्रदर्शित करता है यूँ ही
मौन कोई ध्वनि नही फिर क्यो बेचैन करती हैं
अंतर्मन की ताकत मौन में समाहित होती हैं
मौन में पाषाण सी शक्ति है
अद्धभुत सी अनुभूति शक्ति है
न चाह कर भी उठती हैं भूतकाल को याद कर
ले आती है फिर से बीते हुए लम्हो में
यादो को ताजा करने के लिए उठती है टीस
गहरे घावों की पीड़ा सी अनुभूति के साथ
मौन में पाषाण सी शक्ति है
अद्धभुत सी अनुभूति शक्ति है