मैं तूफान समझ पाऊंगा
मैं तूफान समझ पाऊंगा
आने दो राहों में मेरे
कंटक शूलों को सनने ,
पथ का अडिग बटोही हूं ,
कदापि नहीं घबराऊंगा
मैं तूफान समझ पाऊंगा।।
पवन भले विपरीत हमेशा
लेकर चले दंभ विनाश का ,
सही दिशा में बहने से,
कदापि नहीं कतराऊंगा
मैं तूफान समझ पाऊंगा।।
तोड़ी, आशा की लतिकाएं
नोच खसोट कुसुम कलिकाएं
उनमें साहस भरने से ,
कर्तव्य विमुख न हो पाऊंगा
मैं तूफान समझ पाऊंगा ।।
गंध भले आए हताश की
कमी नहीं होगी आश की,
वीरों ने ही प्राण तजे हैं,
कायर नहीं कहलाऊंगा
मैं तूफान समझ पाऊंगा।।