मैं स्त्री हूँ
मैं स्त्री हूँ
मैं हँसी हूँ, मैं खुशी हूँ
रुदन भी हूँ मैं पीड़ा भी हूँ
त्याग भी हूँ मैं स्वार्थ भी हूँ
ममता हूँ बलिदान भी हूँ मैं
मै स्त्री हूँ।
माँ बहन बेटी हूँ मैं ही
रिश्ते घर परिवार हूँ मै ही
आँगन की किलकार हूँ मैं ही
जीवन का आधार हूँ मैं ही
मैं स्त्री हूँ ।
फूलों में पत्तों में मैं हूँ
कलियों में तितली में मैं हूँ
पूछ्ते जो अस्तित्व मेरा हो
दुनिया की हर शय में मैं हूँ
मैं स्त्री हूँ।
