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VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

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VIPIN KUMAR TYAGI

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मैं शिक्षक हूं

मैं शिक्षक हूं

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मैं एक शिक्षक हूं समर्पित भाव से

देश सेवा करता हूं, आगे बढ़ता जाता हूं

मैं रात दिन शिक्षा के लिए


देश सेवा के लिए,

छात्रों की प्रगति के लिए कार्य करता हूं

आगे बढ़ता जाता हूं

मैं हमेशा बिना भेदभाव के सभी छात्रों को

शिक्षित करने का कार्य करता हूं

आगे बढ़ता जाता हूं


मैं हमेशा अपने छात्रों को विषय ज्ञान के साथ साथ

कामयाब नागरिक बनाने का कार्य करता हूं

आगे बढ़ता जाता हूं

मैं हमेशा अपने छात्रों को देशभक्त नागरिक

बनाने का कार्य करता हूं आगे बढ़ता जाता हूं


मैं वह हूं जो हमेशा अपने छात्रों की कामयाबी

को कामयाबी मानकर खुश होकर उन्हें

और कामयाब होने का आशीर्वाद देने का

कार्य करता हूं आगे बढ़ता जाता हूं


मैं हमेशा समाज में अपेक्षित

सम्मान की आशा मैं जीता रहता हूं

और निस्वार्थ भावना से कार्य करता हूं

आगे बढ़ता जाता हूं

मैं हमेशा गुरु का सम्मान पाने की

अपेक्षा करता हूं गुरु की भांति कार्य करता हूं

और इसी अपेक्षा मैं आगे बढ़ता जाता हूं


मैं शिक्षक हूं जीवन पर्यन्त शिक्षक ही रहूंगा

और इसी समर्पित भाव से देश की

सेवा करता हूं आगे बढ़ता जाता हूं।


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