STORYMIRROR

Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Inspirational

4  

Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Inspirational

मैं पिता हूँ

मैं पिता हूँ

1 min
41


मैं पिता हूँ

माँ सा नहीं हूँ कोमल

पर हूँ मैं तेरा मनोबल

हर दम मैं तेरे साथ नहीं

पर रखता ध्यान हर पल ।


जब तुम झूलते थे पालने में

माँ ममता लुटाती,तुझे पालने में

संचय करता मैं एक एक पाई

जो खर्चने थे मुझे, तुम्हें पालने में।


मैं पिता हूँ

मैं छलका नहीं पाता भावना

जग में दिखे जो लुभावना

सतत पर्यटन से मैं ढूंढता

तेरे लिए जीवन की नई संभावना।


कभी नहीं कहा धरती-चाँद एक कर दूंगा

पर हर वक्त सोचता, मैं कुछ भी कर लूंगा

अपने संतान के हित की खातिर

आसमान से तारे भी तोड़ लाऊँगा।


मैं पिता हूँ

सावन में धरा हो जाती लुभावनी

पतझड़ में वही लगती डरावनी

मैं दोनों के संगम को समझाता

बताता जीवन कैसे बने सुहावनी।


हौसला रखना जीवन में हरदम

जीवन कभी कर दे यदि बेदम

हिम्मत हार हौसला नहीं खोना

याद करना, मैं दिखूंगा हर-कदम।

मैं पिता हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational