STORYMIRROR

Pushpa Srivastava

Inspirational

4  

Pushpa Srivastava

Inspirational

मैं हूँ सक्षम

मैं हूँ सक्षम

1 min
413

हाँ, हूँ मैं आज बहुत सक्षम अपने ही दम से।

लिखी अपनी किस्मत अपनी ही मेहनत से।


हौसलों की उड़ान भरी है मैंने पूरी उम्मीद से।

मन की इच्छाएं पूरी की है मैंने पूरे विश्वास से।


अपनी मेहनत से अपना नया इतिहास लिखा है।

निडर होकर मैंने अपना ख्याल स्वयं ही रखा है।


अपने दिल की इच्छाओं का मैंने बहुत मान रखा है।

अपने अस्तित्व को बहुत प्यार से संभाल रखा है।


कोशिश तो बहुत की जमाने में हमें चोट पहुंचाने की।

पर हमने भी कसम खाई थी कभी हार ना मानने की।


उनकी दी चोट पर हम हँसते आदत थी हमें मुस्कुराने की।

खुद संभले औरों को संभालते आदत थी हमारी बचाने की।


जरूरतों को पूरा करने के लिए अब निराश्रित नहीं किसी पर।

नहीं रहती हूं मैं निर्भर अब पति का बटुआ या किसी और पर।


सीख लिया है बहुत अच्छे से अब मैंने जीना अपनी शर्तों पर।

पूरा करती हूँ खुश होकर जरूरतों को अपनी अपने ही दम पर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational