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Subhsanto Writer

Tragedy

5.0  

Subhsanto Writer

Tragedy

मैं हैरान हूँ ...

मैं हैरान हूँ ...

2 mins
682


मैं हैरान हूं, मैं परेशान हूं

60 -70 साल के साधु बाबा

कहते हैं, अभी तो मैं जवान हूं 

वो साधु संत नहीं शैतान हैं , दुष्कर्मो की खान है

ऐसे साधु-संतों से भगवान भी बदनाम है

बहन बेटियों पर हाथ डालने वाले जिंदा क्यों हैवान हैं 

बाबा साहब आप ही बताओ यह कैसा सविधान है ।


बहन बेटियाँ बच्चियाँ हमारे घर की शान है 

सब कहते हैं नारी शक्ति महान है

फिर देर रात होने पर क्यों डरी सहमी वो नादान है 

दुष्कर्म अत्याचारों से अब भारत की पहचान है 

बापू आप ही बता दो, क्या यही आपके सपनों का हिंदुस्तान है।


दुष्कर्मी शैतानों को धर्म के नाम पर मत छांटो

अलीगढ़- कठुवा की हैवानियत को हिंदू मुस्लिम में मत बांटो 

माँ बहन और बेटी की इज़्ज़त ही हमारी आन है 

हाथ लगा है इज़्ज़त को फिर क्यों जंग खा रही म्यान में कृपाण है 

अशफ़ाकउल्ला सुखदेव राजगुरु ने क्या व्यर्थ में दिया बलिदान है ।

स्वर्ग में बैठा भगत सिंह भी परेशान है


औरत की कोख से जन्म लिया उसकी छाती से दूध पिया 

उसी पर मर्दाना ताकत दिखा कर, बन रहा जवान है 

दुष्कर्म बेटे के हैं, क्यों बेटी मुंह छिपाकर जीये जीवन

इज़्ज़त लूटी है बेटे की, बेटी को क्यों किया जा रहा परेशान है,

यह कैसा अज्ञान है  

घटिया सोच है दुनिया की, क्यों वह इससे अनजान हैं 

शोषण करता रात दिन फिर कैसे नारी शक्ति बनेगी महान

इसी बात से हूं परेशान, इसी बात से हूं हैरान।


नियत गंदी मर्द की, पर्दे में औरत रखकर लगायी लगाम है

जींस-स्कर्ट पहनने वाली को संस्कृति का दिया ज्ञान है 

5-7 साल और साड़ी वाली की फिर अस्पताल में क्यों अटकी जान है

क्या संस्कृति में हवस मिटाने वाला जानवर इंसान है

क्या वो इंसान है, 

ऐसा इंसान बना कर शर्मिंदा भगवान है 

शर्मिंदा भगवान है

भगवान ने  बनाया कैसे जानवरों को इंसान है

इसी बात से सुभसंतो परेशान है ,सुभसंतो हैरान है।।


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