मैं बिहार हूँ
मैं बिहार हूँ
मैं बिहार हूँ, मैं बिहार हूँ
मैं कचरों का भंडार हूँ
मुझे सब जानते हैं
मुझे हैं सब मानते,
लेकिन फिर भी
सबसे अनजान हूँ
मैं बिहार हूँ, मैं बिहार हूँ।
मैं बलात्कार के लिए आम हूँ
मैं ही गंगा, मैं ही सरस्वती
लेकिन फिर भी बेहाल हूँ
क्योंकि मैं बिहार हूँ, मैं बिहार हूँ।
यहाँ सत्य अहिंसा के सब नायक
लेकिन सब बेकार हैं
यह माँ, बेटी, बहन
सब के सब लाचार हैं,
क्योंकि मैं बिहार हूँ, मैं बिहार हूँ।।
