मैं बेटी क्यों नहीं
मैं बेटी क्यों नहीं
कमरे के अंधेरे में
उसके आँसू
दिखते नहीं
उसके आँसू
विलुप्त हो चुकें है,
उसके अस्तित्व की ही तरह
सोचती है...
बचपन से पापा कहते हैं...
''यह मेरी बेटी नहीं बेटा है''
अम्मा भी तो
कहती थी,
''तू .....तू है मेरा राजा बेटा है।"
वो चीखती है मन ही मन
सोचती है ''मैं बेटी क्यों नहीं ?''
