मैं और मेरी परिस्थितियां
मैं और मेरी परिस्थितियां
मैंने परिस्थितियों में जीना सीखा है
मैंने परिस्थितियों में मुस्कुराना सीखा है
ऐ ज़िन्दगी मैंने परिस्थितियों के समंदर में तैरना सीखा है
मैंने परिस्थितियों के आसमान में उड़ना सीखा है।
क्योंकि मैंने परिस्थितियों से लड़ना सीखा है
परिस्थितियां चाहे लाख मेरे प्रतिकूल रही,
लेकिन मैंने हर परिस्थिती में मुस्कुराना सीखा है
ग़मों के पहाड़ों तले मैंने अकेले रहना सीखा है
क्योंकि हर परिस्थिति में मैंने रहना सीखा है।
मैने परिस्थितियों को लाख मनाया,
लेकिन वह भी जिद पर अड़ी हुई थी।
लेकिन मैंने भी परिस्थितियों को हराना सीखा है।
क्योंकि मैंने परिस्थितियों के चट्टानों से
लड़कर यह मुकाम पाया है।
लेकिन सच तो यह है कि मैंने असल जिंदगी में
परिस्थितियों में ही जीना सीखा है।
मैंने बहुतों को परिस्थितियों में
त्योहारों को ग़मों में मनाते हुए देखा है।
क्योंकि मैंने परिस्थितियों में मेरी
हालत को बड़े ही करीब से देखा है।
क्योंकि मैंने परिस्थितियों में ही जीवन जीना सीखा है,
मैंने परिस्थितियों में पढ़ना सीखा है,
मैंने परिस्थितियों में आगे बढ़ना सीखा है।
मैंने परिस्थितियों में बहुतों को हारते हुए देखा है,
लेकिन मैने हर परिस्थिती में जीतना सीखा है।
परिस्थितियों ने मेरी हर बार परीक्षाएँ ली,
लेकिन मैंने हर परीक्षा में सफल होना सीखा है।
परिस्थितियां बड़ी ही अलग हुआ करती है मेरे दोस्त ,
क्योंकि ये किसी को कहानीकार, शायर या विद्वान बनाती है।
मैं वह इंसान नहीं जो परिस्थितियों में रोया हूँ,
मैं वह इंसान हूँ जो परिस्थितियों में भी सीखा हूँ।
मेरी परिस्थितियों ने मुझे मार्ग से भटकाना चाहा,
लेकिन मैंने परिस्थितियों को कई बार हराया है।
मैंने परिस्थितियों में कई उतार चढ़ाव देखे हैं,
लेकिन मैने कई परिस्थितियों के दर्द झेले है।
परिस्थितियों से लड़े बिना चिंता में नहीं किया करता हूँ,
क्योंकि में हमेशा ही परिस्थितियों से ही लड़ा किया करता हूँ।
परिस्थितियां मुझसे आगे निकलने की कई बार सोचा करती है,
लेकिन में हमेशा परिस्थितियों से आगे चलकर
नए मुकाम तलाश लिया करता हूँ।
लेकिन सच तो यह है मेरे दोस्त कि
मैंने परिस्थितियों में ही जीना सीखा है।