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Kirti Mehta कोमल

Romance

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Kirti Mehta कोमल

Romance

मैग्नेटिक इश्क़

मैग्नेटिक इश्क़

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यह इश्क़ मैगनेटिक है

खींच ले जाता है पूरा का पूरा

यादों का खींच 

अधमरा कर देता है

मेरा अस्तित्व ही मिटा डालता है

प्रत्येक रात ऐसा ही होता है


नहीं जी करता नींद भर सोने को

सहम जाती हूं मैं

पिशाच है यह इश्क़ थोडा़-थोडा़

खून छोड़ कर सब कुछ निचोड़ लेता है

यह इश्क़ मैगनेटिक है


पुतलियों पर बैठ जाता है

भारी पत्थर

जिस्म सूखे पेड़ जैसा अकड़ जाता है

तभी कोई कानों की लौ तक आता है

नशीले गीत गाता है

अपनी दुनियाँ में ले जाता है

यह इश्क़ मैगनेटिक है।



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