महुआ
महुआ
सुना है
जिस जगह मेरी लटों से
पानी टपका करता था
बस वहीं
एक महुआ का पेड़
उग आया है
अबकी मौसम में
झडे़ महुआ को बटोर कर
खाता रहा है वो
होश से मदहोशी की तरफ़
जाता रहा है वो।
सुना है
जिस जगह मेरी लटों से
पानी टपका करता था
बस वहीं
एक महुआ का पेड़
उग आया है
अबकी मौसम में
झडे़ महुआ को बटोर कर
खाता रहा है वो
होश से मदहोशी की तरफ़
जाता रहा है वो।