मै लब वो शब्द
मै लब वो शब्द
सच कहता मैं लब हूँ, वो शब्द है,
अगर मैं संगीत हूँ, वो सुर ताल है।
बढ़ जाएगी ना ये प्यार की चुभन,
दिल को आयेगा थोड़ा सा सुकून।
उन सुर्ख़ लबों को चूमना चाहता हूँ,
बेकरार उनके लिए पाना चाहता हूँ।
कहीं हो ना जाए हमसे कोई नादानी,
खोकर सपनों में करनी मीठी शैतानी।
मैं अगर दिल, वो दिल की धड़कन है,
मेरे जीवन का ज़रिया मेरा वेंटिलेटर है।