मातृभूमि के वीर सपूत
मातृभूमि के वीर सपूत
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देश की आजादी खातिर,
कितने ही हो गए बलिदानी..!
शहीद होकर उन्होंने,
दिलाई हमें आजादी...!!
उन महापुरुषों का
गुणगान करते हम..!
हर जन्म भारत भूमि पर हो
ईश्वर से फरियाद करते हम...!!
उनके जैसा है बनना हमें..!
ऐसा शिक्षा हम पाएं..!!
बारंबार प्रण करें,
मातृभूमि पर सिर झुकाए...!!!.
अपने प्राणों से भी प्यारी है,
हमारी भारत भूमि...!
देश कि आजादी खातिर,
कितने ही हो गए बलिदानी...!!
शहीद होकर उन्होंने,
दिलाई हमें आजादी...!!!
इस बात का हमेशा रखना होगा ध्यान..!
दी हुई आज़
ादी को आजाद ही रहने देंगे,
चाहे न्योछावर हो जाएं क्यों न प्राण..!!
एक नहीं अनेकों है,
किस किस का नाम गिनाए ..!
फांसी के सूली पर चढ़ गए,
स्वतंत्र भारत को कराने..!!
आज उसके जैसा कोई नहीं,
जो भी है सब मतलबी....!
देश कि आजादी खातिर,
कितने ही हो गए बलिदानी...!!
शहीद होकर उन्होंने,
दिलाई हमें आजादी..!!!
स्वार्थ बस देश प्रेम की बात करते,
लोभ लालच में आकर इंसानों को लुटते..!
ऐसे लोग होते आत्मघाती..!
देश कि आजादी खातिर,
कितने ही हो गए बलिदानी...!
शहीद होकर उन्होंने,
दिलाई हमें आजादी...!!