STORYMIRROR

AJAY ANAND

Others

4  

AJAY ANAND

Others

इंसान

इंसान

1 min
262

इंसानों के शहर में इंसानियत की कमी दिखती

मर रहे इंसानों को देख इंसान बगल से गुजर जाता

इंसानों के शहर में इंसानियत की कमी दिखती

इंसानों की यही अदा तो इंसानों पर खूब भाता

इंसानों के शहर में इंसानियत की कमी दिखती


इंसान इंसानों से नफरत रखता और 

जीवन भर निभाता इंसानों से शत्रुता 

इंसानों के शहर में इंसानियत की कमी दिखती


इंसान भरम पाले हुए हैं बढ़ने ना देंगे इंसानों को आगे

इंसान इंसान का हो चुका है दुश्मन 

वो दुश्मनी इंसान कभी ना भुलावे


ईश्वर ने इंसान को क्या सोचकर बनाया ?? 

पर इंसान अपनी इंसानियत को संभाल ना पाया


कभी जाति कभी धर्म तो कभी मजहब के लिए 

इंसान इंसान को मारते आया है

इंसानों की यही सोच तो इंसानों से अलग कर पाया है


इंसानों का कुकर्म इतना बढ़ा है

हैवान भी इंसान पर तरस खाया है

इससे तो अच्छी मेरी है बिरादरी

अपनों में हम नहीं उलझते

है अपनी ऐसी वफादारी


इंसान की इंसानियत इतनी मर चुकी है

अब तो जमीर भी कहता है

इंसान इंसान के लायक नहीं है।।


Rate this content
Log in