मानवता
मानवता
सही अर्थ , सही कर्म से
गर मानव सब काम करे
तो मानवता जिंदा है।
सही भाव, सही प्रयास,
गर मानव मन उपजा करे
तो मानवता जिंदा है।
न कोई बैर, न को बैरी
गर मानव प्रेम से रहे
तो मानवता जिंदा है।
न स्वार्थ , न ईर्ष्या
गर मानव सम भाव रहे
तो मानवता जिंदा है।
न कुछ तेरा, न कुछ मेरा
गर मानव सच्ची सेवा करे
तो मानवता जिंदा है।
न कोई उँच, न कोई नीच
गर मानव इनके बीच रहे
तो मानवता जिंदा है।
न कोई धर्म, न कोई जाति
गर मानव इँसान रहे
तो मानवता जिंदा है।
मानव का मानवता से नाता
गर मानव बनाए रहे
तो मानवता जिंदा है।
