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Abhay Pandey

Inspirational

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Abhay Pandey

Inspirational

मानव जीवन दोहा

मानव जीवन दोहा

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तन को सब धोवत हैं

मन को धो सके ना कोय।

तन के धोवे का फल 

जब निर्मल मन मैला होय।।


तन की सुन्दरता कौन देखत

मन की सुन्दरता लेती मोह।।

तन लाख सुंदर तो क्या 

अगर वाणी मधु न होय।।


मन राम राम जपे

तन दिया पाथ कांटा बोए।

जग में कपि बैरी भी न बनो 

फल उगे वैसा बीज दिया जैसा बोए।।


मन निछोह कर कर्म करो ऎसा

ईश्वर जाए प्रशंसा में खोये।

जीवन तो सब के होत हैं

पर मानव समान दुजा जीवन न कोय।।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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