STORYMIRROR

Abhay Pandey

Inspirational

4  

Abhay Pandey

Inspirational

मानव जीवन दोहा

मानव जीवन दोहा

1 min
460

तन को सब धोवत हैं

मन को धो सके ना कोय।

तन के धोवे का फल 

जब निर्मल मन मैला होय।।


तन की सुन्दरता कौन देखत

मन की सुन्दरता लेती मोह।।

तन लाख सुंदर तो क्या 

अगर वाणी मधु न होय।।


मन राम राम जपे

तन दिया पाथ कांटा बोए।

जग में कपि बैरी भी न बनो 

फल उगे वैसा बीज दिया जैसा बोए।।


मन निछोह कर कर्म करो ऎसा

ईश्वर जाए प्रशंसा में खोये।

जीवन तो सब के होत हैं

पर मानव समान दुजा जीवन न कोय।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational