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Rekha gupta

Abstract

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Rekha gupta

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मानव जीवन अनुपम वरदान

मानव जीवन अनुपम वरदान

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ये मानव जीवन अमूल्य पाकर 

मिला मुझे अनुपम वरदान 

कुछ भी दुःसाध्य नहीं है जीवन में 

उमंग उत्साह हो तो, नहीं कोई व्यवधान। 


अगणित बाधाओं से टकराने की 

अडिग हिमालय से शक्ति पाऊँ 

राह के कंटकों से भी न घबराऊं 

विषम झंझावातो को भी सह जाऊँ। 


पल्लवित कुसुमित जीवन बनाऊं 

कठिन राहों में भी पथ बनाऊं 

साहस संयम तप और त्याग से 

जीवन जीने का बल पाऊँ। 


सद्वृति सद्भावना और परोपकार से

पीड़ा सबकी समझकर सेवा कर पाऊँ 

विश्वास आस्था बनी रहे उस शक्ति पर

दुर्लभ मानव जीवन को सफल बनाऊं। 


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