माँ
माँ
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माँ के आँचल में सदा, मिलता चैन अपार
माँ के बिन सूना लगे, घर आंगन हर द्वार।
माँ की जब लोरी सुनी, मधु सी घुली मिठास
डूबा रहता प्यार में, माँ का हर अहसास।
माँ से ही मायका, माँ से प्यार दुलार
सावन सा हर माह है, हर दिन है त्यौहार।
माँ के हाथों का वही, मनभावन सा स्वाद
माँ जाने के बड़ा भी, हर पल आता याद।
चुका सका ना उम्र भर, कोई माँ का कर्ज़
बुद्धि मिले ऐसी हमें, निभा सकें हम फ़र्ज़।